What is PFI | क्यों बैन हुआ, PFI को फंडिंग कैसे होती है

What is PFI Full Form आखिर ये है क्या? 

सेंट्रल गवर्नमेंट के द्वारा PFI (Popular Front of India) को 5 साल के लिए बैन कर दिया है। यहाँ सेंट्रल गवर्नमेंट का मतलब गृह मंत्रालय (मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स) से है। इनके पास पावर होती है। इन्होंने PFI (Popular Front of India) को अनलॉफुल असोसिएशन (Unlawful Association)घोषित कर दिया है। यह निर्णय अगले पाँच वर्ष के लिए लिया गया। आगे डिपेंड करता है कि 5 साल के बाद क्या सरकार उसको एक्सटेंट करती है, या नहीं करती है? और ये सारी चीजें अनलॉफुल ऐक्टिविटीज प्रिवेंशन ऐक्ट (UAPA) 1967 के तहत की गयीं हैं। 

What is PFI पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया को 2007 में बनाया गया था। southern इंडिया के अंदर तीन प्रमुख मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन थे, नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट इन केरला, कर्नाटक फोरम डिग्निटी और मनिता नीति पसरई तमिलनाडु। इन तीनों को मर्ज करके ये पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (What is PFI) बनाया गया था। लेकिन खास बात ये है कि सिमी जिसको भी टेररिस्ट ऑर्गेनाइजेशन डिक्लेयर किया गया था। सिमी का मतलब है स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI)। ये भी 1997 में आया था, लेकिन सरकार ने उस पर भी बैन लगा दिया था। इसी का दूसरा रूप PFI को बताया जा रहा है। 

PFI के अंदर कौन कौन आता है 

PFI के और भी कई सारे fronts हैं जैसे: रिहैब इंडिया फाउंडेशन (RIF), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (AIIC), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (NCHRO), नेशनल वुमन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन, केरल। 

इस तरह से टोटल 8 fronts को भी अनलॉफुल असोसिएशन डिक्लेयर कर दिया है। इनको भी 5 साल के लिए बैन कर दिया गया है। ये सब कुछ मिनिस्ट्री ऑफ़ होम अफेयर्स (MHA) के ऑफिसियल नोटिफिकेशन में दिया गया है 

PFI को सरकार ने बैन क्यों किया (why government ban PFI)

PFI को UAPA के अंडर में बैन किया गया है, लेकिन सवाल यही है कि ऐसा क्यों किया आइये समझते हैं। गृह मंत्रालय (मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स) ने कहा है कि जो भी देश के अंदर इस समय परिस्थितियां दिख रही हैं। उसके आधार पर यहाँ पर जरूरी हो गया था कि PFI और उससे जुड़े जीतने भी एसोसिएट हैं। उनको अनलॉफुल असोसिएशन डिक्लेयर किया जाए। इसीलिए 1967 के, UAPA ACT के सेक्शन 3 के अंदर पावर मिलती है सेंट्रल गवर्नमेंट को की वो इस तरह का नोटिफिकेशन जारी कर सकती है। 

what is PFI

2019 में सरकार ने यूएपीए के अंदर अमेंडमेंट भी किया था। 2019 के पहले सरकार सिर्फ असोसिएशन को ही टेररिस्ट डिक्लेयर कर सकती थी, लेकिन किसी इंडीविजुअल को डिक्लेयर नहीं कर सकती थी। 2019 में सरकार ने ये इस एक्ट के अंदर बदलाव किया और कहा कि यहाँ पर हम इंडिविजुअल्स को भी अब टेररिस्ट डिक्लेयर कर सकते हैं और इसी के तहत 2020 में सरकार ने लगभग 9 इंडिविजुअल्स को टेररिस्ट भी डिक्लेअर किया था। 

सरकार का PFI को लेकर क्या तर्क है 

सरकार ने कहा है की ये एक Unlawful Association है, इसको हम बैन कर रहे हैं। मिनिस्ट्री ने यहाँ पर कहा है कि जो पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (What is PFI) है वह कई सारे क्रिमिनल और Terror Cases में पाई गई है। यहाँ पर वो हमारे कॉन्स्टिट्यूशनल अथॉरिटी के खिलाफ़ डिस-रिस्पेक्ट दिखाती है और साथ ही साथ जो फंडिंग कलेक्ट किया जाता है, आइडियोलॉजिकल सपोर्ट मिलता है। इसकी वजह से देश की जो इंटरनल सिक्योरिटी है, उसको एक बहुत बड़ा खतरा है। ये रीज़न सरकार के द्वारा दिया गया है। सरकार ने अपने नोटिफिकेशन में ये भी बताया कि PFI और उससे रिलेटेड जीतने भी असोसिएट्स थे। वो देश के अंदर सोशियो इकोनॉमिक, एजुकेशनल और पॉलिटिकल ऑर्गेनाइजेशन के रूप में ओपनली काम करते हैं। लेकिन उनके द्वारा जो सीक्रेट एजेंडा चलाया जाता है, देश के अंदर व सोसायटी के अंदर वो हमारे डेमोक्रैसी को Undermine करती है, क्योंकि ये लोग हमारे कॉन्स्टिट्यूशन अथॉरिटी के खिलाफ़ कॉन्स्टिट्यूशनल सेटअप के खिलाफ़ डिस रिस्पेक्ट दिखाते हैं।

PFI को फंडिंग कैसे होती है 

कुछ दिन पहले ही आपस खबर आई थी कि जो पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (What is PFI) को बड़े पैमाने पर विदेशों से फंडिंग मिलती है। विदेशों में भी विशेषकर जो गल्फ कंट्री है स्पेशली सऊदी अरब, टर्की, ओमान और कुवैत। अगर हम देखें तो भारत सरकार का रिलेशन काफी अच्छा है इन देशों के साथ फिर भी ये कैसे सब कुछ allow कर देते हैं? असल में होता ये है कि PFI ने यहाँ पर अलग अलग 3 फ्रंट बना रखे हैं- इंडिया फ्रैटर्निटी फोरम (IFF), इंडियन सोशल फोरम (ISF), रेहाब इंडियन फाउंडेशन (RIF) ये जो fronts है ये बेसिकली एक दिखावे की तरह काम करते हैं फॉरेन कन्ट्रीज में डाइरेक्टली ये नहीं दिखाया जाता की ये PFI से लिंक हैं लेकिन एक्चुअल में इनका लिंक PFI (Popular Front of India) से ही देखने को मिलता है।

इन ऑर्गेनाइजेशन के द्वारा विदेशों (Foreign) के अंदर फंड जुटाए जाते हैं कि इस्लाम को प्रोमोट करना है, अलग अलग चीजें करनी है और इसकी वजह से बहुत सारा जो पैसा मिलता है वो भारत के अंदर ट्रांसफर किया जाता है। सबसे जरुरी बात ये सब वेल स्ट्रक्चर्ड हैं और मिडिल ईस्ट के अंदर बड़े पैमाने पर Fund Raise करते हैं, लेकिन सरकार का कहना है कि वो भारत में एंटी नेशनल एक्टिविटीज में इस्तेमाल किए जाते हैं और इसी की वजह से इन सबको यहाँ पर बैन करना जरूरी हो गया था। 

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PFI अचानक न्यूज़ में क्यों आया 

अभी कुछ समय पहले PFI के ऊपर 2 बड़े RAID किए गए थे। सबसे पहला रेड 22 सितंबर को हुआ था जिसे अभी तक का सबसे बड़ा इन्वेस्टिगेशन कहा गया था और ये रेड NIA और ED जैसी बड़ी आर्गेनाइजेशन ने किया था। इन लोगों ने करीब 100 से ज्यादा PFI के मेंबर्स को अरेस्ट किया था और अभी 2 दिन पहले ही मंगलवार के दिन रेड किया गया और जिसके माध्यम से 250 लोगों को फिर से अरेस्ट किया गया। इसी को देखते हुए फाइनली सरकार ने निर्णय लिया कि हम इस ऑर्गेनाइजेशन को बैन कर देंगे और फिर गृह मंत्रालय ने ऑफिसियल नोटिफिकेशन जारी कर दिया।

एजेंसीज/सरकार को PFI से क्या दिक्क्त थी 

PFI पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया डाइरेक्टली इलेक्शन नहीं लड़ता है, ये चीज़ आप को समझने की जरूरत है। यहाँ पर सबसे बड़ी प्रॉब्लम ये है कि इनके द्वारा कोई भी रिकॉर्ड नहीं रखा जाता है। इनके जो मेंबर्स है उनका कोई रिकॉर्ड नहीं होता। कोई भी मेंबर अगर उसकी गलत चीजों में पाया जाता है तो उसको डाइरेक्टली लिंक करना थोड़ा सा मुश्किल हो जाता है और फाइनली यहाँ पर 2009 में बताया जाता है कि इन्होंने एक अलग तरीका निकाला और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) बनायी। PFI डायरेक्टली इलेक्शन कंडक्ट नहीं करती थी तो इन्होंने SDPI बना दिया यहाँ पर और उसके माध्यम से इलेक्शन लड़े जाते हैं। 


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